SHIV CHALISA LYRICSL FOR DUMMIES

shiv chalisa lyricsl for Dummies

shiv chalisa lyricsl for Dummies

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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

Whosoever offers incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys material pleasure and spiritual bliss On this world and hereafter ascends into the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva removed the struggling of all and grants them Everlasting bliss.

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त shiv chalisa lyricsl के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत Shiv chaisa सदा शत्रुन क्षयकारी॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

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